Monday, 18 November 2013

खुशी का पता नही

पर हां... दर्द हमेशा साथ रहता है।

और कई बार दर्द के साथ जीते-जीते हमें इसकी इतनी 

आदत हो जाती है

 कि हमें उदासी, बेचैनी और निराशा ही अच्छी लगने लगती है

... हम इससे ही प्यार हो जाता है

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